Saturday, July 27, 2024

कारगिल विजय दिवस - 26 जुलाई - एक स्मृति और गर्व का प्रतीक

 


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कारगिल विजय दिवस - 26 जुलाई - एक स्मृति और गर्व का प्रतीक 


कारगिल युद्ध: एक स्मृति और गर्व का प्रतीक कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है।

इतिहास -


1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।[2] प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे।

कारगिल युद्ध: एक स्मृति और गर्व का प्रतीक -

कारगिल दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है ताकि हम उन वीर जवानों को सम्मान दे सकें जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह युद्ध भारतीय सेना के और पाकिस्तानी सेना के बीच हुआ था, जब पाकिस्तानी सेना ने बिना सूचना दिए कश्मीर के कारगिल सेक्टर में अपनी सेना भेज दी थी। इससे पहले, कश्मीर में युद्ध तो होते रहते थे, लेकिन यह युद्ध एक बड़ी और महत्वपूर्ण घटना थी जिसने पूरे देश को एक साथ खड़ा कर दिया। यह युद्ध बता रहा था कि भारतीय सेना की ताकत और जांबाजी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। वीर जवानों ने हिम्मत और साहस का प्रतीक दिखाया और दुश्मन को पूरी तरह से पराजित किया। इस दिवस पर हमें याद रखना चाहिए कि उन शहीदों ने अपनी जानों की कुर्बानी देकर हमें यह सुरक्षित और स्वतंत्र देश में रहने का मौका दिया है। हमें उनका आभारी रहना चाहिए और हमें उनकी साहस, पराक्रम और बलिदान की कड़ी याद करनी चाहिए। कारगिल दिवस न सिर्फ एक समारोह है, बल्कि यह एक संकेत है कि हमें हमारी सेना की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके योगदान को समझना चाहिए। हमें इस अवसर का सम्मान करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हम हमेशा अपने वीर जवानों के साथ हैं। इसलिए, इस कारगिल दिवस पर हमें अपने मन में एक समर्पण और श्रद्धांजलि भाव रखना चाहिए, ताकि हमारे वीर शहीदों का सम्मान किया जा सके और हम उनके बलिदान को कभी न भूलें।

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