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Tuesday, April 23, 2024
World Book and Copyright Day 2024
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस: इतिहास
यूनेस्को ने विलियम शेक्सपियर, मिगुएल सर्वेंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा सहित महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में चुना है, जिनकी इसी दिन मृत्यु हुई थी। 1995 में, दुनिया भर के लेखकों और पुस्तकों को श्रद्धांजलि देने और सम्मान देने के लिए पेरिस में आयोजित यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस द्वारा इस तिथि को अंतिम रूप दिया गया था।
कॉपीराइट क्या है?
यह एक कानूनी अवधारणा है, जो अधिकांश सरकारों द्वारा लागू की गई है, जो लेखकों या मूल कार्यों के रचनाकारों को आमतौर पर सीमित समय के लिए विशेष अधिकार देती है। मूलतः यह नकल करने का अधिकार है। यह कॉपीराइट धारक को कार्य और अन्य संबंधित अधिकारों के लिए श्रेय पाने का अधिकार भी देता है। तो, यह एक बौद्धिक संपदा रूप है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस: उद्देश्य
इस अवसर पर दुनिया भर में किताबों और लेखकों को श्रद्धांजलि दी जाती है और लोगों को पढ़ने के आनंद को खोजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे उन लोगों के प्रति सम्मान पैदा होगा जिन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में अपूरणीय योगदान दिया है। सहिष्णुता की सेवा में बच्चों और युवा लोगों के साहित्य के लिए यूनेस्को पुरस्कार प्रदान किया जाता है। साथ ही, यह दिन कॉपीराइट कानूनों और बौद्धिक कॉपीराइट की रक्षा के अन्य उपायों के बारे में लोगों के बीच समझ बढ़ाएगा।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दिन दुनिया भर के लोगों और विशेष रूप से लेखकों, प्रकाशकों, शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों, सार्वजनिक और निजी संस्थानों, मानवीय गैर सरकारी संगठनों और जनसंचार माध्यमों सहित पुस्तक उद्योग के हितधारकों के लिए साक्षरता को बढ़ावा देने और सभी की मदद करने के लिए एक मंच बन गया है। शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त करना।
World Earth Day (22.04.2024)
World Earth Day 2024: पृथ्वी सिर्फ़ मनुष्यों की ही नहीं बल्कि करोड़ों जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के रहने का स्थान है या यूं कहें कि यह सबका घर है. लेकिन, मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी को लगातार नुकसान पहुंचाता जा रहा है. जिसके चलते प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल रही हैं. प्रकृति इस तरीके से अनबैलेंस हो गई है कि बाढ़, पॉल्यूशन, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.
इन्ही समस्याओं पर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए और पृथ्वी पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने के लिए 'वर्ल्ड अर्थ डे' मनाया जाता है, ताकि लोगों को पृथ्वी और प्रकृति के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके. हर साल विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 2024 को मनाया जाता है और हर बार एक अलग थीम रखी जाती है.
वर्ल्ड अर्थ डे 2024 थीम
हर साल वर्ल्ड अर्थ डे एक नई और अलग थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. साल 2024 में इसकी थीम है-प्लैनेट वर्सेस प्लास्टिक (Planet vs Plastic). इस थीम का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करना और उसके ऑप्शंस की तलाश पर जोर देना है. वहीं साल 2023 की थीम थी, इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट (Invest in our planet).
वर्ल्ड अर्थ डे इतिहास
वर्ल्ड अर्थ डे मनाने का विचार पहली बार 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल ने दिया था. शुरू में इस दिन को मनाने का उद्देश्य पृथ्वी का सम्मान करना था और 22 अप्रैल 1970 को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी दिवस मनाया गया था. 1990 में डेनिस हेस ने विश्व स्तर पर इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा, इसमें 141 देशों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. साल 2016 में पृथ्वी दिवस को जलवायु संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया गया. वर्तमान में पृथ्वी दिवस नेटवर्क 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य
पृथ्वी दिवस पर लाखों लोग मिलकर प्रदूषण और पृथ्वी को खतरा पहुंचाने वाली चीज़ों, जैसे - वनों की कटाई लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए खड़े होते हैं. इस मौके पर दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रमों की मदद से लोगों को पर्यावरण को होने वाले खतरों के बारे में अवगत किया जाता है और पृथ्वी को बचाने के लिए किए प्रयासों के लिए जागरूक करना है ।
Sunday, April 14, 2024
डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती (जीवन परिचय एवं आधारित प्रश्नोंतरी )
जन्म | 14 अप्रैल 1891 मध्य प्रदेश, भारत में |
जन्म का नाम | भिवा, भीम, भीमराव, बाबासाहेब अंबेडकर |
अन्य नाम | बाबासाहेब अंबेडकर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | बौद्ध धर्म |
शैक्षिक सम्बद्धता | • मुंबई विश्वविद्यालय (बी॰ए॰) • कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम॰ए॰, पीएच॰डी॰, एलएल॰डी॰) लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (एमएस०सी०,डीएस॰सी॰) ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) |
पेशा | विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्दार्शनिक, लेखक पत्रकार, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर, सम्पादक |
व्यवसाय | वकील, प्रोफेसर व राजनीतिज्ञ |
जीवन साथी | रमाबाई अंबेडकर (विवाह 1906- निधन 1935) डॉ० सविता अंबेडकर ( विवाह 1948- निधन 2003) |
बच्चे | यशवंत अंबेडकर |
राजनीतिक दल | शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन स्वतंत्र लेबर पार्टी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं | सामाजिक संगठन: • बहिष्कृत हितकारिणी सभा • समता सैनिक दल शैक्षिक संगठन: • डिप्रेस्ड क्लासेस एज्युकेशन सोसायटी • द बाँबे शेड्युल्ड कास्ट्स इम्प्रुव्हमेंट ट्रस्ट • पिपल्स एज्युकेशन सोसायटी धार्मिक संगठन: भारतीय बौद्ध महासभा |
पुरस्कार/ सम्मान | • बोधिसत्व (1956) • भारत रत्न (1990) • पहले कोलंबियन अहेड ऑफ देअर टाईम (2004) • द ग्रेटेस्ट इंडियन (2012) |
मृत्यु | 6 दिसम्बर 1956 (उम्र 65) डॉ॰ आम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक, नयी दिल्ली, भारत |
समाधि स्थल | चैत्य भूमि,मुंबई, महाराष्ट्र |
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित ‘महू’ में हुआ था डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। डॉ. भीमराव अंबेडकर जाति से दलित थे। उनकी जाति को अछूत जाति माना जाता था। इसलिए उनका बचपन बहुत ही मुश्किलों में व्यतीत हुआ था।
बाबासाहेब अंबेडकर सहित सभी निम्न जाति के लोगों को सामाजिक बहिष्कार, अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ता था। किंतु उन्होंने जीवन में आयी सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया व दुनिया में अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनाई।
बाबासाहेब अंबेडकर का बचपन
डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके पिता मुंबई शहर के एक ऐसे मकान में रहने गए जहां एक ही कमरे में पहले से बेहद गरीब लोग रहते थे इसलिए दोनों के एक साथ सोने की व्यवस्था नहीं थी तो बाबासाहेब अंबेडकर और उनके पिता बारी-बारी से सोया करते थे। जब उनके पिता सोते थे तो डॉ भीमराव अंबेडकर दीपक की हल्की सी रोशनी में पढ़ते थे। भीमराव अंबेडकर संस्कृत पढ़ने के इच्छुक थे, परंतु छुआछूत की प्रथा के अनुसार और निम्न जाति के होने के कारण वे संस्कृत नहीं पढ़ सकते थे। परंतु ऐसी विडंबना थी कि विदेशी लोग संस्कृत पढ़ सकते थे। भीम राव अंबेडकर जीवनी में अपमानजनक स्थितियों का सामना करते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर ने धैर्य और वीरता से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई।
बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षा
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सन् 1907 में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद ‘एली फिंस्टम कॉलेज‘ में सन् 1912 में ग्रेजुएट हुए। सन 1913 में उन्होंने 15 प्राचीन भारतीय व्यापार पर एक शोध प्रबंध लिखा था। डॉ.भीमराव अंबेडकर ने वर्ष 1915 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए की डिग्री प्राप्त की। सन् 1917 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ली। बता दें कि उन्होंने ‘नेशनल डेवलपमेंट फॉर इंडिया एंड एनालिटिकल स्टडी’ विषय पर शोध किया। वर्ष 1917 में ही लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने दाखिला लिया लेकिन साधन के अभाव के कारण वह अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाए।
कुछ समय बाद लंदन जाकर ‘लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स‘ से अधूरी पढ़ाई उन्होंने पूरी की। इसके साथ-साथ एमएससी और बार एट-लॉ की डिग्री भी प्राप्त की। वह अपने युग के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे राजनेता और एवं विचारक थे। भीम राव अंबेडकरजी कुल 64 विषयों में मास्टर थे, 9 भाषाओं के जानकार थे, इसके साथ ही उन्होंने विश्व के सभी धर्मों के बारे में पढ़ाई की थी।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मास्टर्स
कोलंबिया विश्वविद्यालय में छात्र के रूप में अंबेडकर वर्ष 1915 -1917 में 22 वर्ष की आयु में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। जून 1915 में उन्होंने अपनी एम.ए. परीक्षा पास की, जिसमें अर्थशास्त्र प्रमुख विषय, और समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र और मानव विज्ञान यह अन्य विषय थे। उन्होंने स्नातकोत्तर के लिए प्राचीन भारतीय वाणिज्य विषय पर रिसर्च कार्य प्रस्तुत किया।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मास्टर्स
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अपने प्रोफेसरों और दोस्तों के साथ अंबेडकर सन् 1916 – 17 से सन् 1922 तक एक बैरिस्टर के रूप में लंदन चले गये और वहाँ उन्होंने ग्रेज़ इन में बैरिस्टर कोर्स (विधि अध्ययन) के लिए प्रवेश लिया, और साथ ही लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में भी प्रवेश लिया जहां उन्होंने अर्थशास्त्र की डॉक्टरेट थीसिस पर काम करना शुरू किया।
डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तकें
भीम राव अंबेडकर जीवनी में बाबासाहेब समाज सुधारक होने के साथ-साथ लेखक भी थे। लेखन में रूचि होने के कारण उन्होंने कई पुस्तकें लिखी। अंबेडकर जी द्वारा लिखित पुस्तकों की लिस्ट नीचे दी गई है-
- भारत का राष्ट्रीय अंश
- भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण
- भारत में लघु कृषि और उनके उपचार
- मूक नायक
- ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवादी वित्त का विकेंद्रीकरण
- रुपए की समस्या: उद्भव और समाधान
- ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का अभ्युदय
- बहिष्कृत भारत
- जनता
- जाति विच्छेद
- संघ बनाम स्वतंत्रता
- पाकिस्तान पर विचार
बाबासाहेब अंबेडकर के पास कितनी डिग्री थी?
भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर के पास 32 डिग्रियों के साथ 9 भाषाओं के सबसे बेहतर जानकार थे। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मात्र 2 साल 3 महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी की थी। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ‘डॉक्टर ऑल साइंस’ नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। प्रथम विश्व युद्ध की वजह से उनको भारत वापस लौटना पड़ा। कुछ समय बाद उन्होंने बड़ौदा राज्य के सेना सचिव के रूप में नौकरी प्रारंभ की। बाद में उनको सिडनेम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनोमिक्स मे राजनीतिक अर्थव्यवस्था के प्रोफेसर के रूप में नौकरी मिल गयी। कोल्हापुर के शाहू महाराज की मदद से एक बार फिर वह उच्च शिक्षा के लिए लंदन गए।
पुरस्कार एवं सम्मान
बाबा साहेब अंबेडकर को अपने महान कार्यों के चलते कई पुरस्कार भी मिले थे, जो इस प्रकार हैं:
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का स्मारक दिल्ली स्थित उनके घर 26 अलीपुर रोड में स्थापित किया गया है।
- 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
- कई सार्वजनिक संस्थान का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है जैसे कि हैदराबाद, आंध्र प्रदेश का डॉ. अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय- मुजफ्फरपुर।
- डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर में है, जो पहले सोनेगांव हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता था।
- अंबेडकर का एक बड़ा आधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में प्रदर्शित किया गया है।
बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में रोचक तथ्य
बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में रोचक तथ्य नीचे दिए गए हैं-
- भारत के झंडे पर अशोक चक्र लगवाने वाले डाॅ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर ही थे।
- डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर लगभग 9 भाषाओं को जानते थे।
- भीमराव अंबेडकर ने 21 साल की उम्र तक लगभग सभी धर्मों की पढ़ाई कर ली थी।
- भीमराव अंबेडकर ऐसे पहले इन्सान थे जिन्होंने अर्थशास्त्र में PhD विदेश जाकर की थी।
- भीमराव अंबेडकर के पास लगभग 32 डिग्रियां थी।
- बाबासाहेब आजाद भारत के पहले कानून मंत्री थे।
- बाबासाहेब ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों बार हार गए थे।
- भीमराव अम्बेडकर हिन्दू महार जाति के थे, जिन्हें समाज अछूत मनाता था।
- भीमराव अम्बेडकर कश्मीर में लगी धारा नंबर 370 के खिलाफ थे।
Wednesday, April 10, 2024
Saturday, April 6, 2024
विश्व स्वास्थ्य दिवस (07 अप्रैल )
World Health Day :विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हर साल 7 अप्रैल को 'विश्व स्वास्थ्य दिवस' मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में सेहत के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिन दुनियाभर में WHO और अन्य स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा सेमिनार, नाटक और कई माध्यमों से लोगों के लिए स्वस्थ रहना क्यों जरूरी है, इसका महत्व समझाया जाता है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर WHO द्वारा दुनियाभर में फैल रही नई बीमारियां, उनका इलाज और इन बीमारियों का कारण क्या है, इसके बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है। मेडिकल के क्षेत्र में नई खोज, नई दवाओं और नए टीकों की खोज के बारे में भी लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
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