आज दिनांक 03 जून को केन्द्रीय विद्यालय प्रगति विहार ,नई दिल्ली में विश्व साइकिल दिवस के उपलक्ष पर विद्यालय द्वारा आयोजित साइकिल रैली में बच्चों एवं अध्यापकों ने भाग लिया ।
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दुनियाभर में आज यानी 03 जून को विश्व साइकिल दिवस/वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाया जा रहा है। 03 जून 2018 को आधिकारिक रूप से पहला विश्व साइकिल दिवस मनाया गया था। डेली लाइफ में साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और इसको लोकप्रिय बनाने के लिए विश्वभर में बाइसिकल डे मनाया जाता है। इस दिन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधिकारिक तौर पर की गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाने की घोषणा की है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को ये समझाना है कि साइकिल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितना बेहतर है। इसके साथ-साथ ये इको फ्रेंडली है। साइकिल से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है। ये आपके देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सही है।
वर्ल्ड बाइसिकल डे का इतिहास
आधिकारिक तौर पर तो सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ल्ड बाइसिकल डे 3 जून, 2018 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मनाया गया था। इसके उद्घाटन समारोह में यूएन अधिकारी, राजनयिकों, एथलीटों, साइकिलिंग समुदाय के कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया था। साल 2022 में पाँचवा विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने साइकिल के उपयोग पर जोर दिया है। उनका कहना है कि साइकिल चलाने की के कई फायदे हैं, ये बाकी साधनों के मुकाबले सस्ती है, विश्वसनीय है, ये स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल परिवहन है।
इस दिन के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र हितधारकों से साइकिल चलाने के लाभों को समझने और उन पर जोर देने का आग्रह करता है। असल में साइकिल चलाना एक व्यक्ति की शारीरिक फिटनेस सुनिश्चित करता है। यह अधिक टिकाऊ है।इसके अलावा दो शताब्दियों से अधिक समय से लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यह वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए उपयोगी है। साइकिल समावेशिता को भी बढ़ावा देती है क्योंकि यह बहुत महंगा नहीं है और समाज के अमीर और गरीब दोनों लोगों द्वारा वहन किया जा सकता है।
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